3 Offices of Christ (Masih ke Teen Paden)


मसीह के तीन पदें


1. भविष्यवक्ता
मरकुस 6:15; यूहन्ना 4:19; 6:17
वह यशयाह या यर्मयाह समान और एक दूसरा भविष्‍यवक्ता नही।
अ. वह भविष्यावाणी का सार है।
‘यीशु की गवाही भविष्यद्वाणी की आत्मा है’ (प्रकाशितवाक्य 19:10)।
आ. वह भविष्यीवाणी का स्रोत है। ‘उन्हों ने इस बात की खोज की कि मसीह का आत्मा जो उन में था, और पहिले ही से मसीह के दुखों की और उन के बाद होनेवाली महिमा की गवाही देता था, वह कौन से और कैसे समय की ओर संकेत करता था’ (1पतरस 1:11)।

2. याजक
इब्रानियों 2:14-16; 8:3

याजक मनुष्य की ओर से परमेश्वर से भेंट करता हैं। भविष्यवक्ता परमेश्वर की ओर से मनुष्य से बातें करता हैं।
अ. वह मनुष्य बना।
मनुष्य के लिए परम प्रधान परमेश्‍वर का याजक बनने के लिए उसे मनुष्य बनना पड़ा (इब्रानियों 2:14-16)।
आ. वह मध्यस्त बना।
वह हमारे लिए निरन्तएर मध्येस्ति करता हैं (रोमियों 8:34; इब्रानियों 7:25)।

3. राजा
भजन 110:1-4; जकर्याह 6:13
अ. वह प्रभु है। (फिलिप्प्यिों 2:10)
स्वामी, पालनहारा, रक्षक, तारणहारा
आ. वह न्यायी है। (रोमियों 2:16; 2तिमोथि 4:1)

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