‘मुझे खींच ले, हम तेरे पीछे दौड़ेंगे (श्रेष्ठगीत 1:4)
संसार, शरीर और शैतान तीनों मिलकर विश्वासी के पीछे पीछे दौड़ते हैं कि उसे हरावें परन्तु विश्वासी की इच्छा इस परिस्थिति से भगने की है। वह पाप के पीछे नहीं भागता बल्कि प्रेमी अर्थात प्रभु के पीछे भागता है। दौड़ने वाला जीवन क्रियाशील जीवन है। फिर मसीही विश्वासी का दौड़ना कोई अकेला नहीं है, वह मसीह के साथ दौड़ता है। ‘हम तेरे पीछे दौड़ेगे’ ये शब्द शुलेमी के नहीं, परन्तु यरूशलेम की पुत्रियों का हैं। जब प्रेमिका अपने प्रेमी के पीछे दौड़ेगी तो यरूशलेम की पुत्रियां भी उस्के पीछे दौड़ना चाहती हैं।
Adapted from Parinaygatha by Dr. Kurien Thomas, Itarsi
Copyright © Dr. Kurien Thomas, 1989
0 comments:
Post a Comment