परिणयगाथा - प्रेमी का धन्‍य नाम

प्रेमी का धन्य नाम
‘तेरे भांति भांति के इत्रों की सुगन्ध उत्तिम है, तेरा नाम उंडेले हुए इत्र के तुल्यव है;
इसीलिए कुमारियां तुझसे प्रेम रखती हैं’ (श्रेष्ठिगीत 1:3)

दूल्हे का सम्पूपर्ण जीवन सुगंधमय है। यीशु मसीह जो कि कलीसिया का अद्वैत दूल्हाइ है उसका जीवन भी सुगंध से परिपूर्ण है। उनका जीवन, शिक्षा, कार्य, आदि सब पवित्र आत्मा से ही थे। प्रेयसी अपने प्रेमी के नाम का वर्णन करते हुए कहती है कि उसका नाम उंडेले हुए इत्र के समान है।

ठीक इसी प्रकार प्रभु यीशु मसीह ने भी हमारे लिए अपना जीवन उंडेल दिया ताकि हमारा जीवन मसीह की सुंगध से भर जावे (2 कुरि. 2:15)। इसी नाम के द्वारा हमें उद्धार प्राप्तह हुआ तथा समस्तन संसार के लिए भी एक ही नाम दिया गया जिस पर सब जाति के लोग विश्वाेस द्वारा उद्धार पाते हैं। इसीलिए परमेश्वीर ने उसे अतिश्रेष्ठर नाम भी दिया जिसके सामने हर एक घुटना टिकेगा।

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