व्‍यवस्‍था के लक्षण

1. नीव: प्रेम. व्‍यवस्‍था का नीव प्रेम है। (Matt.22:40)
2. श्रोता: पापी. व्‍यवस्‍था पापियों के लिए दिया गया (1Tim.1:9)
3. कार्य: पाप को प्रगट करना. व्‍यवस्‍था पाप को प्रगट कर देता है (Rom.3:20)
4. आंतरिक गवाह: विवेक (Rom.2:15).
5. सक्षमता: दोषी ठहराना. व्‍यवस्‍था दोषी ठहरा सकता है परन्‍तु दोषमुक्‍त नही कर सकता (Gal.3:10)
6. प्रभाव: मृत्‍यु. अक्षर मारता है। वह जीवन नही दे सकत (2Cor.3:6; 1Cor.15:56; Rom.7:9,10))


नोट: यीशु मसीह व्‍यवस्‍था को रदृद करने नही आया। (Matt.5:17). यथार्थ, अनुग्रह की आज्ञाएं व्‍यवस्‍था की आज्ञाओं से अधिक सख्‍त है (Matt 5:19,20)

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