प्रभु भोज की विधि को प्रभु यीशु मसीह ने अपने नई वाचा के प्रतीक के रूप में स्थापित किया।
“क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात पकड़वाया गया रोटी ली। और धन्यवाद करके उसे तोड़ी, और कहा; कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। इसी रीति से उस ने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो।” (1कुरु 11:23-26)
प्रभु भोज कौन खा सकता है
1. वह जो विश्वासी है; अर्थात विश्वास करने के द्वारा प्रभु यीशु मसीह के वाचा में सहभागी है।
2. वह जो समझ में शिशु नही वरण परमेश्वर के वरदान की समझ रखता हो (1कुरु 11:8)
3. वह जिसने बपतिस्मा लेकर पापों से मन फिराया है।
4. वह जिसने अपने आप को जांचा है कि क्या वह उचित रीती से मेज में सहभागि हो सकता है कि नही।
यीशु मसीह अपनी कलीसिया के लिए पुन: पृथ्वी पर वापस लौटेगा। तब मसीह में जो मर गए हैं वे पहले जिलाए जाएंगे, फिर जो जीवित हैं वे उसके साथ बादलों में उठा लिए जाएंगे ताकि उसके साथ सदा के लिए रहें (1थिस्स.4:16,17)
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